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राष्ट्रिय पोषण हफ्ता (national nutrition week) 1 – 7 सितम्बर को हर साल मनाया जाता है | इस अवसर पर मैं आपको ऐसे 5 स्वस्थ अनाज के नाम बताउंगी जो आपके पेट से फैट को कम करते हैं और साथ ही वजन घटाने में भी बहुत सहायक होते हैं |
अनाज को इस धरती पर सबसे जयादा स्वस्थ खाद्य पदार्थों में से माना जाता है | इसमें बहुत से ऐसे ज़रूरी पोषक तत्व होते हैं जो हमारे शरीर के लिए आवशयक हैं जैसे – फाइबर, विटामिन्स, मिनरल्स और फायटोकेमिकलस | ये पदार्थ उन एथलीटस के लिए बहुत ज़रूरी होते हैं जिन्हें लगातार उर्जा की ज़रूरत होती है और उनके लिए भी जो वजन कम करना चाहते हैं | इन खाद्य पदार्थों से आपको पहले की स्वास्थ्य की परेशानियों में भी मदद मिलेगी |
राष्ट्रिय पोषण हफ्ता जो कि पूरे देश में 1- 7 सितम्बर को मनाया जाता है, पर मेरा उद्देश्य है कि मैं आपको आहार और पोषण के बारे में कुछ ख़ास चीज़ों से अवगत कराऊँ| इसलिए मैं कहती हूँ कि हमें ऐसा भोजन लेना चाहिए जो फाइबर से भरपूर हो जैसे अनाज क्यूंकि ये हमारी स्वस्थ शरीर के लिए बहुत ज़रूरी है| वजन कम करने के साथ साथ ये कोरोनरी ह्वार्ट की बीमारी से लड़ने में भी मदद करता है |
अनाज हमारे पाचन स्वास्थ्य में सुधार लाते हैं और पेट भरा होना का एहसास भी देते हैं | यही कारण है कि जो लोग वजन कम करना चाहते हैं या पतले होना चाहते हैं उनके लिए ये बहुत ही अच्छा विकल्प है | यहाँ मैं आपको बताउंगी 5 स्वस्थ अनाजों के नाम जो आपके सेहत और वजन के लिए बहुत ज़रूरी हैं –
जौ
बार्ले को हिंदी में जौ के नाम से जाना जाता है| ये एक फाइबर से भरपूर अनाज है जिसे वजन कम करने के लिए उपयोग किया जाता है | यहाँ तक कि बहुत से लोग अपना पेट कम करने के लिए और स्वस्थ रहने के लिए जौ का पानी भी पीते हैं | फाइबर के अतिरिक्त इसमें और बहुत से विटामिन्स भी मौजूद होते हैं जैसे मेंगानीस, सेलेनियम और विटामिन B1.
इस अनाज में फैट और कैलोरीज बहुत कम होती हैं | अमेरिकन जर्नल ऑफ़ क्लिनिकल न्यूट्रीशन के मुताबिक अगर हम नियमित तरीके से रोज़ जौ लेंगे तो हम ब्लड कोलेस्ट्रॉल भी कम कर पायेंगे|
ओटस या जई मेंगानीस और फाइबर का बहुत अच्छा स्रोत होता है | ये हमें जयादा खाना खाने से बचाता है | अगर हम रोज़ ओटस लेंगे तो हम बहुत जल्द वजन कम कर पायेंगे | ओटस पाचन क्रिया में भी मदद करता है और ब्लड प्रेशर को भी सामान्य रखता है |
Sorghum
ज्वार
इसे हिंदी में ज्वार के नाम से जाना जाता है| ये एक ग्लूटेन से मुक्त अनाज है जिसमें बहुत सारा फाइबर, प्रोटीन और अच्छे एंटीओक्सीडेन्ट्स होते हैं | ज्वार में मौजूद फाइबर मेटाबोलिस्म को बड़ाता है, पाचन में मदद करता है और हमारी बहुत ज़यादा भूख लगने की आदत पर रोक लगाता है |
किनोआ
ये एक ऐसा कम मिलने वाला अनाज है जिसमें सारे 9 ज़रूरी एमिनो एसिड्स मौजूद होते हैं | ये प्रोटीन, फाइबर और एंटीऔक्सि डेंटस से भरपूर होता है और वजन कम करने में भी सहायक होता है | लेकिन क्यूंकि इसमें बहुत ज़यादा कैलोरीज होती हैं इसलिए इसे कितना खाएं, ये जानना बहुत ज़रूरी हैं| अपने आहार में इसे शामिल करने से पहले ज़रूर जान लें कि आपके लिए ये किस मात्रा में बेहतर है |
राइ
ये एक बहुत ही स्वस्थ अनाज है जिसमें फाइबर, आयरन, कैल्शियम और बहुत सारे एंटीओक्सीडेन्ट्स होते हैं | इसके अतिरिक्त इसमें एक ख़ास तरीके का एमिनो एसिड होता है जिसे ट्रिपटोफैन कहते हैं| ये भूख को कम करता है और हमारे शरीर के वजन को संतुलित रखता है | इसमें फैट की मात्रा बहुत कम होती है इसलिए वजन कम करने वालों के लिए ये बहुत ही अच्छा रहता है |
क्या माइक्रोवेव आपकी सेहत के लिए खराब है ? अमेरिका में आज लगभग हर घर में माइक्रोवेव है, और अमेरिका ही क्या अब तो भारत के भी हर घर में माइक्रोवेव एक ज़रूरी उपकरण बन गया है | आज किसी को भी ये बात मानने में परेशानी नहीं होनी चाहिए कि माइक्रोवेव ने हमारी जिंदगी को आसान बनाया है क्यूंकि ये खाना पकाने और खाना दोबारा गर्म करने में कम से कम समय लेता है, जो कि खाना पकाने की साधारण विधि से तुलना करें तो जयादा बेहतर है |
वैसे तो आये दिन माइक्रोवेव के बारे में बहुत सी बातें सुनने को मिलती हैं, बल्कि बहुत से लोग ऐसा भी कहते हैं कि माइक्रोवेव वाला खाना सेहत के लिए खराब होता है | यहाँ तक की माइक्रोवेव में खाना गर्म करने से उस खाने के सभी पोषक तत्व ख़त्म हो जाते हैं और ये वातावरण में हानिकारक रेडिएशन भी छोड़ता है | लेकिन कुछ लोग ऐसा नहीं मानते, उन्हें लगता है कि माइक्रोवेव में खाना गर्म करने या खाना बनाने से कोई परेशानी नहीं है और न ही इससे हमारी सेहत को कोई नुक्सान होता है |
माइक्रोवेव कैसे खाना गर्म करता है ?
अगर हम ये समझ लें या जान लें कि माइक्रोवेव किस तरह से खाना गर्म करता है, तो हमरे बहुत से सवालों का जवाब मिल जाएगा | माइक्रोवेव ओवन उर्जा (energy) की लहरों (waves) का उपयोग करके खाना पकाता है | ये तरेंगे या लहरें रेडियो की लहरों के समान ही होती हैं पर थोड़ी कम|
ये तरंगे बहुत ही ठीक तरह से चुनी गयी होती हैं, जो सिर्फ पानी या उन्ही मौलीक्युल्स को प्रभावित करती हैं जो विदयुत रूप से असीमित होते हैं | इनका एक छोर पौसीटीवली चार्ज होता है और दूसरा छोर नेगेटिवली | माइक्रोवेव इन्ही मौलीक्युल्स को वायब्रेट करता है और जल्दी से थर्मल एनर्जी या गर्मी बनाता है |
गलत धारणा – 1
माइक्रोवेव से खाने के पोषक तत्व नष्ट होते हैं |
वास्तव में आप जब भी किसी भोजन को गर्मी के संपर्क में लाओगे तो उसके कुछ पोषक तत्व जैसे विटामिन C, ओमेगा फैटी एसिड्स और कुछ एंटी ओक्सीडेन्ट्स नष्ट हो जाते हैं | लेकिन ये बात दोनों ही स्थितियों में लागु होती है, चाहे आप खाना सामान्य गैस पर बनाओ या माइक्रोवेव में | WHO (world health organisation) के अनुसार माइक्रोवेव में खाना बनाना एक सही और सेफ तरीका है और ये उतने ही पोषक तत्वों को ख़त्म करता है जितने किसी भोजन को गैस पर पकाने से ख़त्म होते हैं |
जब आप मोटे खाद्य पदार्थों को माइक्रोवेव में पकाएं, तब आपको WHO के कुछ सुरक्षित खाना बनाने के तरीकों को ध्यान रखना चाहिए –
सबसे पहले तो खाना पकाने का समय माइक्रोवेव के साइज़ या अकार और उसकी शक्ति के आधार पर अलग अलग होगा |
क्यूंकि माइक्रोवेव की गर्मी मोटे खाद्य पदार्थों में अंदर तक समान रूप से नहीं जा पाती, इसलिए मीट जो कि ठीक से पका हुआ नहीं होता, उसके अन्दर कुछ हानिकारक सूक्ष्म जीव होते हैं जो आपको बीमार बना सकते हैं |
माइक्रोवेव में खाना पकाने के दौरान हानिकारक बैक्टीरिया को ख़त्म करने के लिए आप कुछ देर के लिए अपने भोजन को गर्म करने के बाद ऐसे ही छोड़ दें या आराम दें ताकि ये गर्मी सारे भोजन में समान रूप से फैल सके |
गलत धारणा – 2
माइक्रोवेव से कैंसर का खतरा बड़ता है |
अमेरिकन कैंसर सोसाईटी के अनुसार रेडीएशनस हाई एंड पर होती हैं जब कि माइक्रोवेव लो एंड पर होता है, इसलिए x रेज़, गामा रेज़, और UV रेडीएशन हाई एंड पर होती हैं | ये संस्था कहती है ” माइक्रोवेव x रेज या गामा रेज़ का इस्तमाल नहीं करता ” | इसके अलावा अगर माइक्रोवेव को उसके साथ दिए गए निर्देशों के अनुसार इस्तमाल किया जाए तो लोगों के स्वास्थ्य को कोई भी खतरा नहीं है |
अगर आप अधिकतर लोगों में से हैं , तो आप माइक्रोवेव में खाना गर्म करने से पहले ज़यादा नहीं सोचेंगे | लेकिन सच्चाई ये है कि टूटे हुए माइक्रोवेव को इस्तमाल करने से जादा मात्रा में रेडीएशन आ सकती है | तो आइये जानते हैं कि ऐसे क्या निर्देश हैं जो हमें माइक्रोवेव को ठीक से और सुरक्षित रूप से चलाने में मदद करते हैं | WHO के अनुसार –
अगर आप चाहते हैं कि आपके भोजन पर रेडीएशन न पड़े तो कोशिश कीजिये कि आपका माइक्रोवेव ठीक से काम करता हुआ हो |
माइक्रोवेव के साथ ध्यान रखें कि उसका दरवाज़ा और सीलेंट को नुक्सान ना हो और सीलेंटस पर गन्दगी ना हो |
माइक्रोवेव का दरवाज़ा ठीक से और सही तरीके से बंद हो और फिट भी हो |
अगर आपके माइक्रोवेव का कोई भी हिस्सा चलता हुआ न हो या खराब हो तो उसे इस्तमाल न करें, जब तक कि वो हिस्सा ठीक न हो जाए, या नया खरीद लें |
धारणा – 3
माइक्रोवेव में कोई भी गैर धातु डिश सुरक्षित है |
बदकिस्मती से ऐसा नहीं है | वैसे तो आजकल बहुत से प्लास्टिक कंटेनरस पर लेबल लिखा आता है ” माइक्रोवेव सेफ” , लेकिन शोधों के अनुसार ये प्लास्टिक कंटेनर एस्ट्रोजेनिक गतिविधि के साथ रसायनों को निकालते हैं| और इसी के कारण स्वास्थ्य सम्बंधित परेशानियां हो सकती हैं, खासकर छोटे और जवान बच्चों के लिए |
जब आप प्लास्टिक में खाना गर्म करते हैं, तब ये हानिकारक रसाय्नों को निकालते हैं जो आपको भोजन में बहुत तेज़ी से फैलते हैं | इसलिए इनकी जगह कांच या सेरामिक बर्तनों का इस्तमाल करना चाहिए |
अब तक हमने माइक्रोवेव ओवन की उन गलत धारणाओं के बारे में बात की जो लोग सोचते थे सही हैं, लेकिन वो सही नहीं थी| अब हम बात करेंगे कुछ ऐसे तथ्यों के बारे में जो सच हैं |
तथ्य – 1
मीट के एक बड़े टुकड़े को माइक्रोवेव में सुरक्षित रूप से नहीं पकाया जा सकता |
माइक्रोवेव मीट, मछली के केवल 1.5 इंच अन्दर तक ही गर्म कर सकता है या पका सकता है | अगर इनमें से किसी भी चीज़ की परत मोटी है तो उसके कुछ हिस्से ठीक से नहीं पक पायेंगे और जो हानिकारक पदार्थ हैं वो नष्ट नहीं होंगे |
तथ्य – 2
माइक्रोवेव में पानी को लम्बे समय तक गर्म करने से विस्फोट हो सकता है |
अगर पानी को लम्बे समय तक माइक्रोवेव में गर्म करेंगे तो ये विस्फोट कर सकता है क्यूंकि बहुत ज़यादा गर्मी बुलबुले के रूप में बच नहीं सकती है | तो अगर आप पानी को लम्बे समय तक ओवन में गर्म करने के लिए छोड़ देंगे तो पानी बहुत जयादा गर्म तो होगा ही, साथ ही अगर आप उसके अन्दर चम्मच या कोई भी और चीज़ डालेंगे तो विस्फोट होगा | इससे बचने के लिए पानी को कम समय के लिए गर्म करें और हो सके तो पानी गर्म करते वक्त उसके अन्दर लकड़ी की चम्मच डाल दें|
तथ्य – 3
आप बटर को माइक्रोवेव में नहीं पिघला सकते
माइक्रोवेव भोजन में पानी की बूंदों को भरकर उसको गर्म करता है | क्यूंकि बटर में पानी की बूँदें नहीं होती इसलिए इसको माइक्रोवेव में गर्म नहीं किया जा सकता | यहाँ तक की बटर में बहुत कम पानी की मात्रा भी जैम जाती है और एक जगह पर बंद हो जाती है जिससे उसे गर्म नहीं किया जा सकता |
तथ्य – 4
माइक्रोवेव उर्जा में कुशल हैं
माइक्रोवेव ओवन खाना पकाने का एक उर्जा प्रभावी तरीका है | जब खाना गर्म हो जाता है तब खाने का कंटेनर गर्म होता है | इसका मतलब माइक्रोवेव ओवन भोजन की मात्रा को गर्म करने के लिए कम उर्जा का उपभोग करता है |
कुल मिलाकर देखा जाए तो माइक्रोवेव की हमारे घरों में एक ख़ास जगह हमेशा रहेगी | जल्दी खाना गर्म करना और जल्दी खाना पकाने के ये एक बहुत ही अच्छा उपाय है| साथ ही फल और सब्जियों की पोष्टिकता को भी बनाये रखता है |
अगर आपने गर्मियों का बहुत ज़यादा इंतज़ार किया है, तो अब आपका इंतज़ार ख़त्म हुआ – गर्मियां आ गयी हैं !! सूरज बहुत जोर से चमक रहा है, घास काफी हरी है, और आप भी तैयार हैं बाहर घुमने के लिए, पूल में ठन्डे ठन्डे पानी का मज़ा लेने के लिए| ये सभी बातें आपने सर्दियों में ज़रूर सोची होंगी| लेकिन जैसे जैसे गर्मियां बड़ रही हैं, एक बहुत ज़रूरी चीज़ है जिसका आपको ध्यान रखना चाहिए – आपका हाइड्रेशन |
ये बात तो सभी जानते होंगे कि हमारे शरीर का वजन 60% पानी है| इसी वजह से हमारे स्वास्थ्य के लिए हाइड्रेशन बहुत ज़रूरी है| क्यूंकि हम जो भी पानी पीते हैं वो हमारे ब्लड प्रेशर को कम रखता है, शरीर के तापमान को भी नियंत्रित रखता है, हमारे जोड़ों में चिकनाई डालता है, और पाचन में भी मदद करता है | और इस बड़ते हुए तापमान में और बाहरी गतिविधियों की वजह से हमारे शरीर में पानी की कमी होती रहती है – कभी पसीने से तो कभी इवेपोरेशन की वजह से क्यूंकि हमारा शरीर काम करता है अपने आप को ठंडा रखने के लिए |
अगर हमें पर्याप्त पानी न मिले तो क्या होगा ?
डीहाइड्रेशन या निर्जलिकरण तब होता है जब आपका शरीर तरल पदार्थों को पीने से ज़यादा खो देता है | ये किसी को भी हो सकता है पर छोटे बच्चों और बड़े बूढ़े लोगों को हो तो ये चिंता का विषय बन सकता है | अगर खोये गए तरल पदार्थों की कमी को पूरा नहीं किया गया तो शरीर को अपनी रोज़ की नार्मल गतिविधियाँ पूरी करने में परेशानी होगी | और इसकी वजह से बहुत ही परेशानियां हो सकती हैं जैसे मूत्र और किडनी की समस्याएं, रक्त की मात्रा का कम होना, आदि|
डीहाइड्रेशन या निर्जलिकरण के लक्षण
डीहाइड्रेशन के लक्षणों को समझ कर अगर हम सही समय से उपचार करेंगे तो हम इससे आने वाली परेशानियों से बच सकते हैं | डीहाइड्रेशन के कुछ लक्षण हैं – सर दर्द , चक्कर आना, मुंह और नाक सूखना, कमजोरी, उल्टी, बहुत ज़यादा प्यास लगना| बच्चों में कुछ और लक्षण देखे गए हैं जो हैं – मुंह और जीभ का शुष्क होना, रोते समय आंसू न निकलना, आँखों और गालों का गड्डे में चले जाना और तीन या उससे ज़यादा घंटे डायपर का गीला न होना|
क्या डीहाइड्रेशन इंसान के दिमाग पर बुरा प्रभाव डालता है ?
हमारा दिमाग या मस्तिष्क 73% पानी से बना है| अगर हम अपने शरीर को पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं देंगे खासकर इस गर्मी में या व्ययाम करते वक्त, तो इसकी वजह से हमारी सोचने की शक्ति पर बुरा असर पड़ सकता है| एक अध्ययन से ये साफ़ पता चलता है कि जो लोग या बच्चे डीहाइड्रेशन की अवस्था में भी 90 मिनट तक व्ययाम करते हैं, तो उनके दिमाग की कोशिकाएं सिकुड़ने लगती हैं|
जोर्जिया इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी में हुए शोधों के अनुसार, जब डीहाइड्रेशन की अवस्था होती है, तब दिमाग का एक हिस्सा सुज जाता है और रोज़मर्रा के किये जाने वाले कामों में परेशानी होने लगती है| वास्तव में शरीर के पानी के वजन में 2% की कमी से भी बहुत सी परेशानियां हो सकती हैं जैसे – भूलने की बीमारी ध्यान का ना लगना, और आँखों का ठीक से ना देखना |
अपना हाइड्रेशन अच्छा रखने के कुछ अनोखे विचार
हम सब जानते हैं कि हाइड्रेशन हमारी सेहत के लिए कितना ज़रूरी है, लेकिन फिर भी सवाल यही है कि किस तरह से हम अपने शरीर में पानी की मात्रा बड़ायें ताकि हमें न तो हर पांच मिनट में बाथरूम जाना पड़े और न ही हम बहुत ज़यादा पानी से भरा हुआ महसूस करें |
यहाँ पर मैंने कुछ तरीके बताये हैं जिससे आप इन गर्मियों में अच्छे से हाइड्रेटेड रह सकते हैं :
हमेशा ये सोचे कि आप प्रयाप्त पानी पीते हैं
एक व्यक्ति को कितना पानी पीना चाहिए ये उसके वजन, उम्र, और कार्य स्तर पर निर्भर करता है लेकिन फिर भी आप एक आसान सी बात ध्यान रख सकते हैं जैसे – 8*8, मतलब 8 ओउन्सस (ounces) के 8 ग्लास रोज़| उदाहरन के लिए एक 130 पौंड (pound) की महिला को 65 ओउन्सस (ounces) यानी 135/2 पानी चाहिए |
पानी की बोतल ऐसी लें जिसे आप बार बार इस्तमाल कर सकें
प्लास्टिक पानी की बोतलों को फेंकना छोड़ दीजिये क्यूंकि इससे वातावरण को नुक्सान होता है, और कोशिश करें कि ऐसी बोतल लें जिससे आप अपने पीने के पानी का ध्यान रख सकें| पानी की बोतल अपने आस पास ही रखें, इससे आप ज़यादा से ज़यादा पानी पी पायेंगे |
कुछ फलेवर्स या स्वाद का तड़का ज़रूर लगायें
अगर आप अपने पीने वाले पानी में किसी ताज़े फल को मिलाते हैं तो इससे आपको बहुत फायदा होगा | क्यूंकि इसमें कोई भी आर्टिफीशिअल स्वीटनर या प्रीसरवेटीवस नहीं होते हैं | आप इसमें निम्बू, संतरा, जामुन, या खीरा, जो कुछ भी पसंद करते हैं डाल सकते हैं |
खाने से पहले पानी पियें
हम सभी को दोपहर के समय “कुछ न कुछ खाना चाहिए” ऐसा लगता है लेकिन उस समय पर हमें कुछ न खाने की जगह पानी पीना चाहिए, क्यूंकि कई बार हमारा दिमाग प्यास को भूख समझ लेता है , इसलिए जब भी आपको ऐसा महसूस हो तो कुछ भी खाने से पहले पानी पीयें |
पानी पीने का नियम बनायें
अगर आपको लगता है कि एक दिन में आप 64 ounces (1.89 litres / 12.8 glasses ) पानी नहीं पी सकते, तो आपको अपने लिए पानी पीने का नियम बनाना चाहिए | सुनने में थोड़ा अजीब लगेगा पर यही सही कायदा है पानी पीने का| जैसे ही आप सुबह सुबह उठें कोशिश कीजिये कि आप कम कम 10 ounces (2 glasses / 0.29 litres) पानी ज़रूर पीयें | पूरी रात सोने के बाद जब आप उठते हैं तो पानी पीना बहुत फायदेमंद होता है |
पूरे दिन में अगर आप पहले ही सोच लेंगे कि आपको कितना और कब पानी पीना है तो आप आसानी से अपने पीने की मात्रा का ध्यान रख सकते हैं |
खाना या भोजन ऐसा खाएं जिससे हाइड्रेशन में मदद मिले
आप सभी के लिए अच्छी खबर ये है कि 70 – 80 % हाइड्रेशन पानी से मिलनी चाहिए जबकि 20 – 30 % हाइड्रेशन भोजन से मिलनी चाहिए | सभी फल और सब्जियों में पानी की कुछ मात्रा ज़रूर होती है लेकिन यहाँ मैं आपको कुछ ऐसे नाम बता रही हूँ जिसमें पानी की मात्रा काफी जायदा होती है –
अपने आप को हाइड्रेट करें भीगी हुई चिया सीड्स (तुलसी पौधे का बीज )
चिया सीड्स को प्राचीन सुपर फ़ूड के नाम से जाना जाता है जो कि पोषक तत्वों से भरपूर होता है | ये बीज हाइड्रोफिलिक होते हैं मतलब ये पानी को सोकते है (उनके वजन के 12 गुना तक)| अगर आप व्ययाम से पहले या या दिन में कभी भी भीगी हुई चिया सीड्स लेते हैं तो जो पानी उन्होंने सोका है, वो उस पानी को छोड़ देते है जैसे ही हम उन्हें खाने लगते हैं | इससे हमारा शरीर हाइड्रेटेड महसूस करता है |
इसके साथ ही साथ ये ओमेगा 3 से भरपूर होती हैं | आप इन्हें मिनी पानी की बोतल भी कह सकते हैं |
नारियल पानी पियें
नारियल पानी पोषक तत्वों से भरपूर तरल पदार्थ है जो बाहर से हरे दिखने वाले नारियल के अन्दर होता है | इसमें पोटाशियम, मैगनिशियम, सोडियम, और कैल्शियम बहुत अच्छी मात्रा में पाया जाता है | नारियल पानी पीने से खोये हुए पानी की पूर्ति भी हो जाती है और साथ ही साथ ये व्ययाम और इस बुरी गर्मी में भी फायदेमंद होता है |
प्रोबायोटिक्स ज़रूर लें
ये सच है कि अगर आपकी आंतें स्वस्थ रहेंगी तो आपको हाइड्रेटेड रहने में कोई परेशानी नहीं होगी | अच्छे बैक्टीरिया न केवल पोषक तत्वों को पचाने में मदद करते हैं बल्कि ये आपको खतरे वाले माइक्रोब्स से भी बचाते हैं, जिनकी वजह से आपको कई बार आँतों में परशानी महसूस हो सकती है , जो डीहाइड्रेशन का भी कारण होती है | ये प्रोबायोटिक्स आपकी त्वचा को भी हाइड्रेट करते हैं |
100 लोग जिनके झुर्रियां थी और रुखी त्वचा भी थी, उन्होंने 12 हफ्ते के लिए प्रोबायोटिक लिया जिससे बहुत जल्द उनकी झुर्रियों में कमी आ गयी और उनकी त्वचा भी लचीली हो गयी | इस ट्रायल के बाद देखा गया कि उनके पानी की मात्रा में भी बढ़ावा हुआ है |
पानी वास्तव में जीवन का सार है | जैसे जैसे गर्मी आती जायेंगी , आपको बस बहुत सारा पानी पीना है | बहुत से फल और सब्जियां खाएं जो आपकी त्वचा को हाइड्रेटेड रखें | अगर आप ऐसा करेंगे तो आपका शरीर और दिमाग आपको धन्यवाद देगा |
नेगेटिव या नकारात्मक कैलोरी भोजन या खाद्य पदार्थ क्या होते हैं ?
Калории внезапно становятся очень важными, когда один пытается сбросить лишний вес. Вы, должно быть, видели людей вокруг вас, считая каждую калорийность, которую они едят. Это потому, что это только тогда, когда один сжигает больше, чем один потребляет, что они могут потерять вес. Хотя диета и физические упражнения идут рука об руку, но когда дело доходит до потери веса, диета играет решающую роль.
कैलोरीज का ध्यान रखना तब बहुत ज़रूरी हो जाता है जब कोई वजन कम करने की कोशिश कर रहा हो तो | आपने अपने आस पास ऐसे बहुत से लोगों को देखा होगा जो एक एक कैलोरी का हिसाब रखते हैं चाहे वो जो कुछ भी खाएं| ऐसा इसलिए होता है क्यूंकि जब कोई जयादा कैलोरीज लेने की जगह जयादा कैलोरी बर्न करता है, तभी वो सही मायनों में अपना वजन कम कर सकता है | वैसे तो आहार और व्ययाम दोनों साथ साथ अपने काम करते हैं लेकिन फिर भी जब वजन कम करने की बात आती है तब सही और उचित आहार की बहुत अहम् जगह होती है |
Недавнее увлечение едой, которая схватила внимание большинства людей является “отрицательной” калорийной пищей. Читайте дальше, чтобы знать, что негативные продукты калорий и если они действительно полезны.
हाल ही में भोजन के एक ऐसे आकर्षित शब्द का पता चला है जिसने सबका ध्यान अपनी तरफ खींचा है | वो है – ” नेगेटिव कैलोरी भोजन” | आखिर ये क्या है और इससे वजन कम होता भी है या नहीं, आइये जानते हैं |
Отрицательные продукты калорий являются продукты, которые сжигают больше калорий, чтобы получить усваивается, чем то, что они содержат. Это подразумевает, что вы можете иметь любое количество этих продуктов без фактического получения какого-либо веса.
नेगेटिव कैलोरी खाद्य पदार्थ वो पदार्थ होते हैं जो पचने के लिए जयादा कैलोरीज बर्न करते हैं, जितनी उनमें मौजूद होती है उससे भी ज़यादा | इसका मतलब ये हुआ कि आप इस तरह के खाद्य पदार्थ कितनी भी मात्रा में खा सकते हैं, बिने ये सोचे कि इससे आपका वजन बड़ेगा|
जब आप ये खाद्य पदार्थ लेते हैं, तो आपका शरीर ऐसे पदार्थों को पचाने में जयादा कैलोरीज बर्न करता है, जितनी उनमे होती हैं, उससे भी जयादा| इसलिए जयादा कैलोरीज आप ले ही नहीं पाते हो |
इस तरीके के खाद्य पदार्थ पौंधों से बने होते हैं और इनमें फाइबर और पानी की मात्रा बहुत ज़यादा होती है | और क्यूंकि इनमें फाइबर ज़यादा होता है इसलिए ये आपके मेटाबोलिस्म को बड़ाती है |
नेगेटिव कैलोरी खाध्य पदार्थ और आपके वजन कम करने का सम्बन्ध
हम जो कुछ भी खाते हैं, उन सब में कैलोरीज होती हैं | एम्प्टी या खाली कैलोरीज वो होती हैं जिनमें कोई पोषक तत्व नहीं होते और जो आपके शरीर में जमा होने लगती है और आपका वजन बड़ाती है | सारा जंक खाना और मीठा खाना इसी के अन्दर आता है |
ऐसा भोजन जिसमें फाइबर और पानी की मात्रा जयादा होती है, वो कम कैलोरीज का होता है और उसको पचाने में जयादा उर्जा और जयादा कैलोरीज की आवश्यकता होती है | अजवायन सबसे अच्छा नेगेटिव कैलोरी खाध्य पदार्थ माना जाता है | इस अनोखे पदार्थ के बारे में हम विस्तार से आगे पड़ेंगे|
नेगेटिव कैलोरी पदार्थ न केवल वजन कम करते हैं पर वो कैलोरीज में भी कम होते हैं और एक साधारण भोजन से जितनी कैलोरीज बर्न होती हैं, ये उससे जयादा बर्न करते हैं |
सबसे अच्छे नेगेटिव कैलोरी खाद्य पदार्थ यहाँ दिए गए हैं –
सलाद
100 ग्राम सलाद में 15 कैलोरीज होती हैं, और इसमें फाइबर, फोलिक एसिड और मेंगनीस जयादा मात्रा में पाया जाता है | सलाद से आपका दिल और दिमाग दोनों स्वस्थ रहते हैं और ये डायबिटीज और कैंसर से लड़ने में भी मदद करता है |
तो जब आप अगली बार सलाद खाएं तो आप उसमें हरी सब्जियां जरुर मिलाएं| इसको आप ब्रेड या सैंडविच में लगा कर भी खा सकते हैं |
ब्रोकोली
100 ग्राम ब्रोकोली में 34 कैलोरीज होती हैं और इसे सुपर फ़ूड भी माना जाता है | बहुत से फाइबरस और एंटी ओक्सिडेन्ट्स होने के साथ साथ इसमें कैंसर से लड़ने वाले गुण भी मौजूद होते हैं | ब्रोकोली आपके शरीर को डीटोक्सिफाय करने के साथ साथ आपके दांत और हड्डी में भी सुधार करता है| पाचन को स्वस्थ रखता है |
ये एक कम कैलोरी का पदार्थ है जो वजन कम करने में बहुत अच्छा माना जाता है | आपको इसे रोज़ अपने खाने में शामिल करना चाहिए जैसे आप वेजिटेबल सूप के साथ ब्रोकोली एक साइड डिश की तरह ले सकते हैं |
गाजर
100 ग्राम गाजर में 41 कैलोरीज होती हैं | गाजर कोलेस्ट्रॉल कम करती है और हाइपर टेंशन को भी कण्ट्रोल में रखती है | गाजर में बहुत अच्छी मात्रा में बीटा कैरोटीन, विटामिन A, विटामिन C, विटामिन K, मेंगनीस और पोटाशियम भी पाया जाता है |
गाजर डायबिटीज में सुधार लाती है और आपकी आँखों की रौशनी बड़ाने के साथ साथ स्ट्रोक्स पर भी काबू करती है | अपने नाश्ते में आप गाजर का जूस ले सकते हैं |
सेब
100 ग्राम सेब में 52 कैलोरीज होती हैं | सेब में फाइबर, पोटाशियम और विटामिन C होता है| ये पाचन क्रिया में मदद करने के साथ साथ अनीमिया (खून की कमी से होने वाली बीमारी) को भी ठीक करते हैं | सेब दिमाग को भी स्वस्थ रखता है |
सेब के कुछ प्री बायोटिक (प्री बायोटिक वो खाद्य पदार्थ होते हैं जो फायदा देने वाले सूक्ष्म जीवों या माइक्रो ओर्गानिस्म्स को पैदा करते हैं जैसे बैकटीरिया, फंगी ) प्रभाव भी होते हैं | हर किसी को सेब रोज़ खाने चहिये खासकर उन्हें जो अपना वजन कम करना चाहते हैं | अपने फ्रूट सलाद में सेब ज़रूर लें |
अजवायन
100 ग्राम अजवायन में 16 कैलोरीज होती हैं| इसमें बहुत अच्छी मात्रा में फाइबर, फोलेट, विटामिन A, और विटामिन C भी पाया जाता है | इसे अब तक का सबसे अच्छा नेगेटिव कैलोरी खाद्य पदार्थ माना जाता है |
साथ ही साथ ये शरीर को डीटोक्सीफ़ाय करता है, आरथरायटिस के दर्द को भी कम करता है, फ्लूइड में संतुलन बनाये रखता है और माईग्रेन में भी आराम देता है | इसे सलाद में, जूस में या सूप की प्यूरी में भी ले सकते हैं |
टमाटर
100 ग्राम टमाटर में 18 कैलोरीज होती हैं | टमाटर में बहुत सारे एंटी ओक्सिडेन्ट्स होते हैं जो हमारी त्वचा को हानिकारक UV किरणों से बचाते हैं | टमाटर कोलेस्ट्रॉल का स्तर भी कम करते हैं और इससे हमें फाइबर, पोटाशियम और Vitamin C भी मिलता है|
ये हमारे दिल की सुरक्षा करता है, देखने की श्रमता को बड़ाता है, पाचन क्रिया में मदद करता है और पथरी से भी बचाता है | आप इसे अपने आहार का हिस्सा ज़रूर बनायें| आप इसे सलाद में ले सकते हैं, जूस बना सकते हैं या डाल सब्जी में भी डाल सकते हैं | सैंडविचस में भी डाल सकते हैं|
आप पर निर्भर करता है
इस तरह के खाद्य पदार्थ न सिर्फ कैलोरीज में कम होते हैं बल्कि पोषक तत्वों से भरपूर भी होते हैं | आप ऊपर दिए गए सभी पदार्थों को अपने आहार में ज़रूर मिलाएं ताकि आप अपना वजन तो कम कर ही सकें, साथ ही एक स्वस्थ आहार भी ले सकें | कोशिश करें कि आप एक संतुलित आहार लें जिसमें सभी ज़रूरी खाद्य पदार्थ शामिल हों |